अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा पंजशीर घाटी को छोड़कर बाकी सभी जगह हो चुका है। इस कब्जे के साथ ही उन सभी हथियारों, लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों को भी उसने कैप्चर कर लिया है जो अफगानिस्तान की सरकार के पास थे। इनमें वो अमेरिकी हथियारों का जखीरा भी शामिल है जो अफगानिस्तान में सरकार की मदद के लिए मौजूद था।
ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर, दुनिया के खतरनाक लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स में से एक है। अफगानिस्ता में मौजूद इस हेलीकॉप्टर पर भी अब तालिबान के लड़ाके ने कब्जा जमा लिया है। अब 2,00,000 हथियार, 20,000 बख्तरबंद वाहन और सैकड़ों विमानों तक तालिबान के पहुंच होने की आशंका है। इन्हें अमेरिका ने अफगान सेना को दान में दिए थे।
ये भी पढ़ें -: पंजाब के मुख्यमंत्री ने गन्ने का मूल्य बढ़ाने का भरोसा दिया, किसानों ने आंदोलन समाप्त किया
Taliban testing a captured Afghan UH-60 pic.twitter.com/ft3gaBjoig
— OSINTtechnical (@Osinttechnical) August 25, 2021
यह आशंका तब और मजबूत हो गई, जब तालिबान लड़ाके द्वारा एक अमेरिकी ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर उड़ाने की कोशिश करने हुए एक वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि पूरी हवाई पट्टी पर ही तालिबान लड़ाकों का कब्जा है, जहां ये हेलीकॉप्टर मौजूद था। पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने स्वीकार किया कि अमेरिका के पास इस बात की ‘स्पष्ट तस्वीर’ नहीं है कि 83 अरब डॉलर का सैन्य हथियार और सामान, अब कितना दुश्मन के हाथ लग चुका है।
इससे सबंधित कई रिपोर्ट्स ने चिंताजनक आंकड़े साझा किए हैं, जिनमें 2003 और 2016 के बीच अफगान बलों को दिए गए 22000 बख्तरबंद वाहन भी शामिल हैं। तालिबान लड़ाकों को इन वाहनों पर सवार होते हुए देखा गया है।
अफगान सेना को अमेरिका द्वारा दिए गए हथियार और अन्य उपकरण अब तालिबान के हाथों में होने की संभावना है। इसमें 50,000 सामरिक वाहन, 1,000 माइन प्रतिरोधी वाहन और 150 बख्तरबंद कर्मियों के वाहन भी शामिल हैं। इस सूची में 160 से अधिक विमान और हेलीकॉप्टर शामिल हैं, जिनमें चार सी-130 परिवहन विमान, 23 ए-29 सुपर टूकानो टर्बोप्रॉप लड़ाकू विमान, 45 यूएच-60 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर और 50 एमडी-530 हेलिकॉप्टर शामिल है।
ये भी पढ़ें -: यूपी सरकार ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित 77 आपराधिक मामले वापस लिए
ये भी पढ़ें -: चीफ जस्टिस ने ED-CBI से पूछा- सांसदों-विधायकों के खिलाफ चार्जशीट में इतनी देरी क्यों?
सोर्स – jansatta.com