Akhilesh And Jayant Chaudhary, UP Election 2022: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के प्रमुख जयंत चौधरी आज एक साथ मेरठ के दबथुआ में मंच साझा करेंगे. वे यहां 12.15 बजे परिवर्तन संदेश रैली को संबोधित करेंगे. गौरतलब है कि सपा और आरएलडी आगामी विधानसभा चुनाव साथ लड़ने वाले है. हालांकि अभी तक सीटों पर सहमति नहीं बनी है.बता दें कि अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के नए गठबंधन को उम्मीद है कि पश्चिमांचल में वो बीजेपी को हरा सकते हैं, क्योंकि ये पूरा जाट इलाका है और यहां ज्यादातर किसान हैं. उन्हें लगता है कि किसानों के मुद्दे के साथ-साथ रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दे मिलाकर बीजेपी को वो आसानी से रोक सकते हैं.
हालांकि बीजेपी का मानना है कि अखिलेश और जयंत की ये जोड़ी कुछ भी नहीं कर पाएगी. वहीं पिछली बार की तरह ही इस बार भी बीजेपी को बड़ी जीत की पूरी उम्मीद है बीजेपी का दावा है कि वे एकबार फिर से 300 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाएंगे और सपा, बसपा और कांग्रेस मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं. अब सवाल है कि बीजेपी को ऐसा क्यों लग रहा है कि वो तीन सौ से ज्यादा सीटें लेकर आएगी. वहीं राजनीति के जानकारों के मुताबिक बीजेपी को लगता है कि पूर्वांचल और पश्चिमांचल में पिछली बार उनका जैसा प्रदर्शन था, वैसा ही इस बार भी होगा. बहरहाल अगर पिछले विधानसभा चुनाव में इन दोनों ही इलाकों की तुलना की जाए तो ट्रेंड का बहुत कुछ पता चलता है
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हालांकि इस बार समीकरण थोड़े बदले हुए हैं, इस बार समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के बदले आरएलडी के साथ गठबंधन किया है, हालांकि दोनों पार्टियों में गठबंधन तो हो गया है, लेकिन अभी तक कौन कितने सीटों पर लड़ेगा ये तय नहीं हुआ है, जयंत चौधरी के मुताबिक उनके और अखिलेश के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है. जयंत चौधरी का कहना है कि उन्हें क्या मिल रहा है ये सब नही सोचना है, 403 सीटों पर गठबंधन लडेगा, हमारी सीटों पर बात हो चुकी है जब तक नॉमिनेशन ना हो जाए तब तक ये नहीं होगा हमारा प्रत्याशी कौन होगा लेकिन जयंत चौधरी के साथ-साथ अखिलेश को भी पता है कि राह बेहद मुश्किल रहने वाली है, दोनों के बीच गठबंधन होने क बावजूद बीजेपी को हराना इतना असान नहीं है.
शायद इसीलिए चुनाव को योगी-मोदी बनाम अखिलेश जयंत बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन बीजेपी भी इन सारी बातों के अंजान नहीं है, इसीलिए उसने पूर्वांचल पर भी बहुत ज्यादा ज़ोर दिया है, बीजेपी को लगता है अगर पश्चिमांचल में उसे नुकसान हुआ तो उसकी भरपाई वो पूर्वांचल में कर लेगी, सवाल ये है कि बीजेपी को ऐसा क्यों लगता है तो इसकी वजह ये हो सकती है.
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गौरतलब है कि बीजेपी हो या सपा, बसपा या आरएलली सभी की निगाह पूर्वांचल के वोट पर टिकी हुई है. सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा अभी कुछ दिनों पहले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन भी इसी ओर इशारा कर कर रहा है. वहीं अब गोरखपुर में फर्टिलाइज़र फैक्ट्री, दो बड़ी लैब्स का उद्घाटन भी इसी को ध्यान में रखकर किया जा रहा है, ऐसे ज़ाहिर सी बात है कि जहां एक तरफ बीजेपी ने पूरा ज़ोर लगाया हुआ है, वहीं दूसरी तरफ अखिलेश और जयंत साथ आकर बीजेपी के किले में सेंध लगाने की कोशिशों में लगे हुए हैं, कौन कामयाब होगा, इसका पता तो विधानसभा चुनाव के रिजल्ट से ही लगेगा.
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सोर्स – abplive.com. Akhilesh And Jayant Chaudhary