यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर देश में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। इस मामले पर अब केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार में सहयोगी लोजपा (आर) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है।
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होने कहा कि ये सब फालतू की बातें हैं। इस पर चर्चा भी नहीं करनी चाहिए। इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। देश में कई बड़े विषय हैं। जिस पर चर्चा करनी चाहिए।
चिराग ने कहा कि ऐसे मुद्दे पर चर्चा करने से देश में असहमति का वातावरण बनता है, तनाव का माहौल बनता है। संप्रदायों के बीच में टकराव की स्थिति पैदा होती है। जो जैसे करता आया है, इतने सालों से करता रहेगा। ये सब मुद्दे नहीं होते तो आप मुझ से मेरे मंत्रालय और विभाग के काम के बारे में पूछते।
चिराग से जब पूछा गया कि इन सब मुद्दों पर बात उसके सहयोगी (एनडीए के घटक दल) कर रहे हैं, तो चिराग ने कहा कि मैं अपने सहयोगियों की इस बात से सहमत नहीं हूं। धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। जब मैंने इफ्तार पार्टी दी, तो मैं तिलक लगाकर गया था। ये मेरी व्यक्तिगत आस्था है। आपके धर्म के सम्मान के लिए मैं अपने संस्कार तो नहीं भूलूंगा। कई लोग तिलक नहीं लगाते, तो क्या वो हिंदू नहीं है। अगर मेरे सहयोगी ऐसे मुद्दों को तूल देते हैं, तो मैं उनसे भी सहमत नहीं हूं। आज की तारीख में देश में कई बड़े मुद्दे हैं।
आपको बात दें इससे पहले भाजपा सांसद रवि किशन कह चुके हैं कि नमाज मस्जिद में ही कबूल होती है और सड़क पर नमाज पढ़ने से समाज में असमंजस पैदा होता है, उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रथा किसने शुरू की है? वहीं, भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सौहार्द्र बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।